srshti rachana

नमस्ते मैं तरूण , पिछले आर्टिकल में मैंने आप से वास्तविक भगवान के सम्बन्ध में कुछ प्रश्न पूछे थे।उन में से पहले प्रश्न का उत्तर अधूरा रह गया था मै आज उसे पूरा करने के लिए यह ब्लॉग लिख रहा हूं।

"श्री ब्रह्मा जी , श्री विष्णु जी व श्री शिव जी की उत्पत्ति" काल ( बह्म ) ने प्रकृति ( दुर्गा ) से कहा कि अब मेरा कौन क्या बिगाडेगा ? मन १ करूगा प्रकृति ने फिर प्रार्थना की कि आप कुछ शर्म करो । प्रथम तो आप ने बड़े भाई हो , क्योंकि उसी पूर्ण परमात्मा ( कविर्देव ) की वचन शक्ति आप की बह्य की ) अण्डे से उत्पत्ति हुई तथा बाद में मेरी उत्पत्ति उसी परमेश्वर के वचन से हुई है । दूसरे मैं आपके पेट से बाहर निकली हैं , मैं आपकी बेटी हुई तथा आप मेरे पिता हुए । इन पवित्र नातों में बिगाड़ करना महापाप होगा । मेरे पास पिता की प्रदान की हुई शब्द शक्ति है , जितने प्राणी आप कहोगे मैं वचन से उत्पन्न कर दगी । ज्योति निरंजन ने दुर्गा की एक भी विनय नहीं सुनी तथा कहा कि मुझे जो सजा मिलनी थी मिल गई , मुझे सतलोक से निष्कासित कर दिया । अब मनमानी करूगा । यह कह कर काल पुरूष ( क्षर पुरूष ) ने प्रकृति के साथ जबरदस्ती शादी की तथा तीन पुत्रों ( रजगुण युक्त - ब्रह्मा जी , सतगुण युक्त्त - विष्णु जी तथा तमगुण युक्त - शिव शंकर जी ) की उत्पत्ति की । जवान होने तक तीनों पुत्रों को दुर्गा के द्वारा अचेत करवा देता है , फिर युवा होने पर श्री ब्रह्मा जी को कमल के फुल पर , श्री विष्णु जी को शेष नाग की शैय्या पर तथा श्री शिव जी को कैलाश पर्वत पर सचेत करके इक्ट्ठे कर देता है । तत्पश्चात् प्रकृति ( दुर्गा ) द्वारा इन तीनों का विवाह कर दिया जाता है तथा एक ब्रह्मण्ड में तीन लोकों ( स्वर्ग लोक , पृथ्वी लोक तथा पाताल लोक ) में एक - एक विभाग के मंत्री ( प्रभु ) नियुक्त कर देता है । जैसे श्री ब्रह्मा जी को रजोगुण विभाग का तथा विष्णु जी को सत्तोगुण विभाग का तथा श्री शिव शंकर जी को तमोगुण विभाग का तथा स्वयं गुप्त ( महाब्रह्मा - महाविष्णु - महाशिव ) रूप से मुख्य मंत्री पद को संभालता है । एक ब्रह्मण्ड में एक बह्मलोक की रचना की है । उसी में तीन गुप्त स्थान बनाए हैं । एक रजोगुण प्रधान स्थान है जहाँ पर यह ब्रह्म ( काल ) स्वयं महाब्रह्मा ( मुख्यमंत्री ) रूप में रहता है तथा अपनी पत्नी दुर्गा को महासावित्री रूप में रखता है । इन दोनों के संयोग से जो पुत्र इस स्थान पर उत्पन्न होता है वह स्वतः ही रजोगुणी बन जाता है । दूसरा स्थानसतोगुण प्रधान स्थान बनाया है । वहाँ पर यह क्षर पुरुष स्वयं महाविष्णु रूप । कर रहता है तथा अपनी पत्नी दुर्गा को महालक्ष्मी रूप में रख कर जो पुत्र उत्प करता है उसका विष्ण रखता है , वह बालक सतोगुण युक्त होता है तो तीसरा इसी काल ने वहीं पर एक तमोगुण प्रधान क्षेत्र बनाया है । उसमें यह स्वर्ग सदाशिव रूप बनाकर रहता है तथा अपनी पत्नी दुर्गा को महापार्वती रूप में रख है । इन दोनों के पति - पत्नी व्यवहार से जो पुत्र उत्पन्न होता है उसका नाम शित रख देते हैं तथा तमोगुण युक्त कर देते हैं । ( प्रमाण के लिए देखें पवित्र श्री शिव महापुराण , विद्ययेश्वर संहिता पृष्ठ 24 - 26 जिस में ब्रह्मा , विष्णु , रूद् तथा महेश्वर से अन्य सदाशिव है तथा रूद संहिता अध्याय 6 तथा 7 , 9 पृष्ठ नं . 100 से , Io5 तथा 110 पर अनुवाद कर्ता श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार , गीता प्रेस गोरख पर से प्रकाशित तथा पवित्र श्रीमद्देवीमहापुराण तीसरा स्कंद पृष्ठ नं . 14 से 123 तक , गीता प्रेस गोरखपुर से प्रकाशित , जिसके अनुवाद कर्ता हैं  ्री हनुमान प्रसाद पोद्दार चिमन लाल गोस्वामी ) फिर इन्हीं को धोखे में रख कर अपने खाने के लिए जीवों की उत्पत्ति श्री ब्रह्मा जी द्वारा तथा स्थिति ( एक - दूसरे को मोह - ममता में रख कर काल जाल में रखना ) श्री विष्णु जी से तथा संहार ( क्योंकि काल पुरुष को शापवश एक लाख मानव शरीर धारी प्राणियों के सूक्ष्म शरीर से मैल निकाल कर खाना होता है उसके लिए इक्कीसवें ब्रह्मण्ड में एक तप्तशिला है जो स्वतः  र्म रहती है , उस पर गर्म करके मैल पिंघला कर खाता है , जीव मरते नहीं परन्तु कष्ट असहनीय होता है , फिर प्राणियों को कर्म आधार पर अन्य शरीर प्रदान करता है ) श्री शिव जी द्वारा करवाता है । जैसे किसी मकान में तीन कमरे बने हों । एक कमरे में । अश्लील चित्र लगे हों । उस कमरे में जाते ही मन में वैसे ही मलिन विचार उत्पन्न हो जाते हैं । दूसरे कमरे में साधु - सन्तों , भक्तों के चित्र लगे हों तो मन में अच्छे विचार , प्रभु का चिन्तन ही बना रहता है । तीसरे कमरे में देश भक्तों व शहीदों के चित्र लगे हों तो मन में वैसे ही जोशीले विचार उत्पन्न हो जाते हैं । ठीक इसी प्रकार ब्रह्म ( काल ) ने अपनी सूझ - बूझ से उपरोक्त तीनों गुण प्रधान स्थानों की रचना की हुई है।

विस्तृत विवरण  के लिए कृप्या अगले आर्टिकल का इंतजार करें !
https://youtu.be/oGo8le8pqv4
मैं मिलूंगा आपसे ऐसी ही रोचक जानकारी के साथ ।
     
धन्यवाद !
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